शुक्रवार, 19 दिसंबर 2008
अरण्येश्वर महादेव (बांसवाडा)
जिले की तलवाडा पंचायत समिति अंतर्गत अरणिया गांव में अरण्येश्वर महादेव लोक आस्था का प्रमुख केन्द्र है। इस मंदिर में सभा मण्डप में गणेश जी की एक फीट प्रतिमा है जबकि बांयी तरफ शिवलिंग है। निज मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है जिसके सम्मुख डेढ फीट की देवी पार्वती मूर्ति है।
यहां पुराने जमाने से मशहूर सिद्ध योगी भोलानाथ महाराज की धूंणी है जहां भोलानाथ ने वर्षों तक तपस्या की। इस धूंणी पर अब त्र्विेणी गिरी अवधूत महाराज तपश्चर्यालीन हैं। यहां यों तो श्रद्धालुओं का तांता लगा ही रहता है पर श्रावण मास, पूर्णिमा, अमावस्या आदि पर भक्तों का जमघट लगा रहता है। शिवरात्र् पर यहां मेला भरता है।
संतान के इच्छुक लोग यहां बाधाएं लेते हैं तथा बच्चों का मुण्डन, बोटन आदि कर्म यहीं भगवान अरण्येश्वर की साक्षी में कराते हैं। भोलानाथ महाराज ने यहां तपस्या की। उन्होंने अरणेश्वर, बडलिया, लसाडा, घोटिया गामडी देवकी, आमजा गामडी आदि स्थानों पर धूंणियां स्थापित कीं।
मंदिर परिसर में यज्ञ मण्डप, पुरानी बावडी आदि है। लोकश्रद्धा है कि इस बावडी से बडलिया वाले महाराज ने यज्ञ करने घी निकाला। बाद में उधार लिया शुद्ध घी वापस बावडी के हवाले कर दिया गया।
इस अरण्येश्वर शिवालय के नाम से ही गांव का नाम अरणिया रखा गया। यहां चार समाधियां हैं। इनमें भोलानाथ, फूलगिरी आदि संतों की समाधियां प्रमुख हैं। पूरा परिवेश बिल्व, वटवृक्ष व अन्य पेडों निर्गुण्डी की झाडयों से भरा मनोहारी है।
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