tag:blogger.com,1999:blog-8732583015393802087.post5105279658319539339..comments2023-07-23T15:27:05.988+05:30Comments on शिव भक्त (Shiv Bhakt): शिव खोड़ी में शंकरShivBhakthttp://www.blogger.com/profile/09112973981204077430noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8732583015393802087.post-82353911882132517182016-07-12T13:05:34.413+05:302016-07-12T13:05:34.413+05:30कृष्ण निराश होकर लौट चुके हैं, संधि प्रस्ताव असफल ...कृष्ण निराश होकर लौट चुके हैं, संधि प्रस्ताव असफल हो चुका है . महाभारत का युद्ध टालने की सारी कोशिशें जब बेकार साबित हो गई तो अब सिवाय इसके कोई चारा नही बचा कि युद्ध की तैयारियां की जाये . प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने स्तर पर मशगूल हो गया. अब कोई भी उपाय नही बचा कि इस विभीषिका से बचा जा सके . गांधारी और कुंती भी अपने अपने स्तर पर तैयारियों में सलंग्न हो गई .<br />दोनों ही , गांधारी और कुंती, राजमहल के पीछे दूर जंगल में बने शिव मन्दिर में राजोपचार विधि से, अपने अपने पुत्रो को राज्य दिलवाने की कामना से शिव पूजन करने लगी . कुछ दिन पश्चात भगवान् भोलेनाथ दोनों पर ही प्रशन्न हो गए और वर मांगने के लिए कहा . दोनों ही माताओं ने अपने अपने पुत्रो के लिए राज्य माँगा .<br />भगवान् शिव बोले – यह असंभव है . राज्य एक है तो दोनों को नही मिल सकता . एक काम करो एक पक्ष राज्य ले लो और दूसरा मोक्ष ले ले . आप लोग आपस में निर्णय कर लीजिये .<br /><br /><a href="http://www.mereprabhu.com/2016/06/an-untold-story-of-mahabharta/" rel="nofollow"> जब कुंती और गंधारी के समक्ष महादेव शिव ने रखी एक अनोखी शर्त, महाभारत की अनकही कथा ! </a>Minepetguruhttps://www.blogger.com/profile/05241776739194777905noreply@blogger.com